Sunday, February 8, 2015

आओ फिर बवाल करें |



आओ फिर बवाल करें |
चार नए सवाल करें ||
थर्रा जाएँ सरकारें
कानून को बेहाल करें
आओ फिर बवाल करें......
अन्ना का भी लें सहारा
सरकारों को ललकारें
प्रजातंत्र की कब्र को खोदें
जनता को मझधार में छोड़ें
आओ फिर बवाल करें......
सुनके किसने क्या है पाया
वाद-विवाद में क्यों पड़ना
आग जलाएं, फुल-झाड़ियाँ छोड़ें
पड़ने दें दुनिया को सड़ने
आओ फिर बवाल करें.......
सत्य का प्रमाण पत्र हम बाटें
ओरों पे कीचड़ उचटाएँ
खूब परिश्रम से फिर भ्रम को
दूर प्रदेशों में फैलाएं
आओ और बवाल मचाएं
अराजकता चारों ओर फैलायें
जहाँ से मुमकिन न हो बचपाना
इतना नीचे देश गिराएं
आओ ओर बवाल मचाएं ..........